Sandeep Newz Fast, New Delhi, Ancestral Property Rule : पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही संपत्ति पर बेटे का पूरा अधिकार होता है, माता-पिता चाहकर भी उसे इस संपत्ति से बेदखल नहीं कर सकते, इस मामले में बेटा कोर्ट का भी रुख कर सकता है।
जब औलाद नालायक निकल जाती है, वह अंधाधुंध पैसे को उड़ाती है और सारे गलत काम करती है तो ऐसी परिस्थिति से परेशान होकर ज्यादातर माता-पिता उसे अपनी संपत्ति से बेदखल कर देते हैं, जिसके बाद उसका पिता की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता है।
बहुत मामलों में ऐसा देखा गया है कि बेटे की हरकतों से तंग आकर पिता ने उसे अपनी जायेजात से बेदखल किया है, हालांकि कुछ मामलों में बेटे को संपत्ति से बेदखल नहीं किया जा सकता है, फिर चाहे वह कितना भी नालायक क्यों ना हो, इस मामले में कानून भी उसकी पूरी मदद करता है।
कोर्ट का रुख कर सकता है बच्चा-
कानून के नियम के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति के दादा-परदादा संपत्ति (Ancestral Property) छोड़कर गए हैं, तो ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति अपनी संतान को प्रॉपर्टी पर हक जताने से इनकार नहीं कर सकता है.
अगर संपत्ति पैतृक है तो नालायक बेटे या बेटी का उस पर उतना ही अधिकार होता है जितना परिवार के अन्य सदस्यों का है।
ऐसे में चाहकर भी उसे हिस्सा देने से इनकार नहीं किया जा सकता, हालांकि फिर भी अगर कोई ऐसा करता है तो ऐसे में बेटा कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है, कानून इस मामले में उसकी पूरी मदद करेगा।
क्या होती है पैतृक संपत्ति-
बता दे पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) उसे कहा जाता है जो काम से कम चार पीढ़ी से चली आ रही हो, यह संपत्ति पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती रहती है.
बता दे सरल भाषा में इसे दादा लाई संपत्ति भी कहा जाता है, हालांकि इस बीच अगर कोई व्यक्ति अन्य संपत्ति को खरीद कर पैतृक संपत्ति में शामिल करता है तो उसे स्व-अर्जित संपत्ति का दर्जा दिया जाता है।
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